दुनिया के नंबर एक टेनिस (Tennis) खिलाड़ी स्विट्ज़रलैंड के रोजर फ़ेडरर (Roger Federer) ने लगातार पाँचवीं बार विंबलडन का ख़िताब जीतकर महान ब्योर्न बोर्ग (Bjorn Borg) के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। अब इसे फेडरर की महानता की कहा जायेगा या ब्योर्न बोर्ग क्योकि दोनो अपने आप में महान है। नीचे कुछ चित्र है जो यह बताते है कि कि इस जन्म में भी अवतार हो सकता है। ब्योर्न बोर्ग आज फेडरर को देख निश्चित रूप से अपने पिछले दिन याद कर रहे होगा।
ब्योर्न बोर्ग के बारे कहा जाता है कि 1978, 79, 80 में बोर्ग पेरिस के 'क्ले कोर्ट' पर लगातार खिताब (फ्रेंच) जीतने में जुटे हुए थे, उन्हीं वर्षों में वे एक अलग सतह अर्थात लंदन के 'ग्रास कोर्ट' पर भी खिताब जीत रहे थे और वह भी लगातार। जी हाँ 1978, 79 व 80 में बोर्ग ने विम्बलडन खिताब भी जीतकर एक विशिष्ट कीर्तिमान बनाया था।
अपने विजय अभियान में बोर्ग ने यदि फ्रेंच ओपन में जी. विलास (78), वी. पेक्की (79) और जेरुलाइटिस (80) को हराया था तो इन्हीं तीन वर्षों में ग्रास कोर्ट के मास्टर माने जाने वाले जिमी कोनोर्स, रास्को टेनर एवं जॉन मेकनरो को विम्बलडन में हराया था।
दो विभिन्न सतहों पर खिताबी हैट्रिक बनाना आसान बात नहीं थी किंतु महान बोर्ग ने इसे संभव बनाया था। जब ग्रास कोर्ट के मास्टर पीट सैम्प्रास एक अदद 'फ्रेंच खिताब' के लिए तरसते रहे हों अथवा 'क्ले मास्टर' इवान लेंडल ' विम्बलडन' की आशा में ही मुरझा गए हों, वहाँ बोर्ग की दोनों में हैट्रिक उन्हें विशिष्ट खिलाड़ी ही बनाती है।
फेडरर के दिल में आज सिर्फ यही कसक होगी कि वह आप नही जीत पाये है तो सिर्फ फ्रेंच ओपन कहते है कि यह लाल मिट्टी हर किसी को नही सुहाती है, यही कारण है कि आज तक कई दिग्गजो को यह खिताब नही जीत पाने का मलाल है।
नीचे चित्रों में ब्योर्न बोर्ग और रोजर फेडरर को एक साथ देखिए।
इस ब्लाग पर पिछली पोस्ट - अन्ना तुम ऐसी क्यूँ हो ?
3 comments:
Kuchh hi ghanton pahle Federer ek gair-variyata prapt khiladi(98th rank) Mardy fish se haare hain....jamin khisak rahi hai....Ajeet
खेल में हार जीत तो लगा रहता है जब फेडरर पहली बार जीता था तो उसकी रैंक 0 थी।
फेडरर और बोर्ग दोनों ही महान खिलाड़ी हैं. हाँ अभी फेडरर की फॉर्म बहुत अच्छी नही है लेकिन आज की तारीख मे वह दुनिया के सबसे अच्छे टेनिस प्लेयर हैं. सर्वकालीन महान खिलाड़ियों मे भी वह शीर्ष दस मे आयेंगे. लेकिन उनके साथ एक दुर्भाग्य जुड़ा हुआ है कि उन्होंने फ्रेंच ओपन नहीं जीता. हालांकि वह सभी प्रकार के कोर्ट के शानदार खिलाड़ी हैं लेकिन नडाल क्ले कोर्ट पर उनसे बीस पड़ते हैं. कुछ ऐसा ही दुर्भाग्य पीट सम्प्रास के साथ भी था और इवान लेंडेल बेहतरीन होने के बावजूद कभी विम्बलडन नही जीत पाए. फेडरर अगर सिर्फ़ एक बार फ्रेंच ओपन जीत ले तो वह बोर्ग से आगे नही तो उनके बराबर ज़रूर खड़े होंगे.
Post a Comment