आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत समान बताया गया है
आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत समान बताया गया है आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत समान बताया गया है वजन बढ़ने के डर से अगर आपने घी से दूरी बना ली है तो ये है घी खाने का पूरा सच। घी के बारे में आम लोगों की धारणा यही है कि इससे वजन बढ़ता है जबकि आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत समान बताया गया है। इसके बहुत फायदे हैं। गाय का घी स्वादिष्ट और सुगंधित होने के साथ-साथ वजन कंट्रोल करने, एनर्जी के स्तर को बढ़ाने, मानसिक स्वास्थ्य और त्वचा के लिए भी गुणकारी है।
कम होता है वजन
गाय के देसी घी में कन्जुगेटेड लिनोलिक ऐसिड (Conjugated Linoleic acid)
प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। यह तत्व शरीर का वजन कम करने में
प्रभावकारी माना गया है। देसी घी, शरीर के जमे हुए जिद्दी फैट को घटाने में
मदद करता है और मेटाबॉलिज्म तेज करता है। इसलिए उचित मात्रा में घी का
सेवन वजन बढ़ाता नहीं बल्कि कम करता है।
दुरुस्त होता है पाचन
देसी घी में बट्राइक ऐसिड (Butyric acid) काफी मात्रा में पाया जाता है।
इसके अलावा घी में सरलता से विघटित होने वाले सैचुरेटेड फैट होते हैं। इन
तत्वों की मौजूदगी की वजह से वनस्पति घी या तेल की तुलना में देसी घी आसानी
से पच जाता है। आयुर्वेद के अनुसार देसी घी पित्त का शमन करता है, इसलिए
यह कब्ज से बचाता है और शरीर से टॉक्सिक एलिमेंट्स यानी हानिकारक तत्वों को
बाहर करता है।
हृदय के लिए गुणकारी
हृदय की धमनियों की रुकावट होने से हृदय की बीमारी होती है। देसी घी में
पाया जाने वाला विटमिन, हृदय की धमनियों को रुकावट से बचाता है। देसी घी
शरीर में बैड कलेस्ट्रॉल को घटाता है और गुड कलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर
शरीर में संतुलन स्थापित करता है।
हड्डियां होती हैं मजबूत
देसी घी में ऐंटी-कैंसर, ऐंटि-वायरल गुण होते हैं। बच्चे, बूढ़े या जवान सभी
के लिए देसी घी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले
विटमिन और पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ाते हैं।
हार्मोन्स को संतुलित करता है
देसी घी में विटमिन A,विटमिन K2, विटमिन D, विटमिन E जैसे पोषक तत्व पाए
जाते हैं जो हार्मोन्स के निर्माण और संतुलन के लिए आवश्यक हैं। गर्भवती
स्त्री हो या स्तनपान कराने वाली महिलाएं, देसी घी का सेवन इनके लिए अच्छा
होता है।
ऐंटि-ऑक्सिडेंट से भरपूर
गाय के घी में बहुत ज्यादा
मात्रा में ऐंटि-ऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो फ्री रैडिकल्स से लड़ता है और
चेहरे की चमक बरकरार रखता है। साथ ही यह त्वचा को मुलायम बनाता है और नमी
देता है। त्वचा को पोषित करने के साथ-साथ ड्रायनेस को भी कम करता है। आप
देसी घी से रोज चेहरे की मसाज कर सकते हैं।
सिरदर्द में मिलता है आराम
माइग्रेन में आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और सिरदर्द के
वक्त उलटी भी आ सकती है। इस समस्या से बचने के लिए गाय का घी फायदेमंद है।
दो बूंद गाय का देसी घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन का दर्द ठीक हो
जाता है। साथ ही गाय का घी नाक में डालने से ऐलर्जी, नाक की खुश्की दूर
होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
ऐसिडिटी में मिलता है आराम
अगर ज्यादा कमजोरी लगे तो
एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री मिलाकर पिएं। गाय के घी का
नियमित प्रयोग करने से ऐसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
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